बुझी हुई सुबहों में अकेला
lunes, octubre 09, 2023जीवन जीने के हमारे क्षण में, एक-दूसरे को सहभागी हुए बिना देखे, अजनबी की तरह बैठे हुए हम आप में शामिल होना चाहते हैं, मैं अकेले प्रेम की पूर्ण सहभागीता से सील रहना चाहता हूं, बुझी हुई सुबहों में, अब रातें नहीं होंगी या अंधे जुगनू नहीं होंगे या चमकती रात की रोशनी
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