या तेरी आँख में संसार समाया हुआ है

domingo, diciembre 18, 2022

 या तेरी आँख में संसार समाया हुआ है। दूर। बहुत दूर। जहां से मैसेज नहीं आते। और न ही प्रतिक्रियाएँ लौटाएँ। चीखती यादें भी नहीं। वे हमें बारिश के बारे में नहीं बताते। गूँज में इसकी चाबियों की। वे अस्तित्व सिर के अंदर से गुजर रहे हैं। मजबूत पानी की लड़ाई। अज्ञात पंखों की बड़बड़ाहट। वे खोपड़ी के रहस्य हैं।

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