हिंदी hindee
समय बीतता है और आप बाजार की अलमारियों पर हाथों से जूतों के बीच लिपटे प्यारे लोगों की बार-बार आँखों में देखते हैं, हाथों की कुल अव्यवस्था शासन करती है, स्थानों के क्रम की गंध आती है, वे कोहनियों से टकराते हैं जैसे कि हलचल में मेलों की, वे टकराते हैं। चमकीले रंगों की उत्तेजित रोशनी और विशाल वक्ताओं की भीड़ की ऊंची आवाजें एक-दूसरे को कुचलती हैं। हलचल भरी सड़कों पर जूतों के दबाव में उछलती रेत पीली होती है, रेत उछलती है जिसके छोटे-छोटे दाने जिनकी बेतरतीब हरकतें बालों की खूबसूरत भूलभुलैया में कैद हो जाती हैं