हिंदी hindee
जब आँखें देखती हैं तब देखो, दिल की अनजानी बातों को महसूस करो, इसकी सहज खिड़कियां दिल के क्षणभंगुर तूफ़ान अंतर्ज्ञान में मंडराती हैं, शून्य के रास्तों के लिए अदृश्य पृथक स्टेशन पर आगमन, लहरों की खिड़कियों के बगीचे के चारों ओर सहज चट्टानों की लहरों के खिलाफ कैदी .वे इतना क्षितिज बनाते हुए हताश अकेलेपन की कठोर खुली भूमि की ओर बढ़ते हैं